35 मैं ने दुष्ट को बड़ा पराक्रमी और ऐसा फैलता हुए देखा, जैसा कोई हरा पेड़ अपने निज भूमि में फैलता है।
पूरा अध्याय पढ़ें भजन संहिता 37
देखें संदर्भ में भजन संहिता 37:35