6 और जब वह मुझ से मिलने को आता है, तब वह व्यर्थ बातें बकता है, जब कि उसका मन अपने अन्दर अधर्म की बातें संचय करता है; और बाहर जाकर उनकी चर्चा करता है।
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देखें संदर्भ में भजन संहिता 41:6