भजन संहिता 45:1 HHBD

1 मेरा हृदय एक सुन्दर विषय की उमंग से उमण्ड रहा है, जो बात मैं ने राजा के विषय रची है उसको सुनाता हूं; मेरी जीभ निपुण लेखक की लेखनी बनी है।

पूरा अध्याय पढ़ें भजन संहिता 45

देखें संदर्भ में भजन संहिता 45:1