2 नहीं, तुम मन ही मन में कुटिल काम करते हो; तुम देश भर में उपद्रव करते जाते हो॥
पूरा अध्याय पढ़ें भजन संहिता 58
देखें संदर्भ में भजन संहिता 58:2