1 हे परमेश्वर तू ने हम को त्याग दिया, और हम को तोड़ डाला है; तू क्रोधित हुआ; फिर हम को ज्यों का त्यों कर दे।
2 तू ने भूमि को कंपाया और फाड़ डाला है; उसकी दरारों को भर दे, क्योंकि वह डगमगा रही है।
3 तू ने अपनी प्रजा को कठिन दु:ख भुगताया; तू ने हमें लड़खड़ा देने वाला दाखमधु पिलाया है॥
4 तू ने अपने डरवैयों को झण्डा दिया है, कि वह सच्चाई के कारण फहराया जाए।