4 मै तेरे तम्बू में युगानुयुग बना रहूंगा। मैं तेरे पंखों की ओट में शरण लिये रहुंगा
पूरा अध्याय पढ़ें भजन संहिता 61
देखें संदर्भ में भजन संहिता 61:4