भजन संहिता 69:19-25 HHBD

19 मेरी नामधराई और लज्जा और अनादर को तू जानता है: मेरे सब द्रोही तेरे साम्हने हैं।

20 मेरा हृदय नामधराई के कारण फट गया, और मैं बहुत उदास हूं। मैं ने किसी तरस खाने वाले की आशा तो की, परन्तु किसी को न पाया, और शान्ति देने वाले ढूंढ़ता तो रहा, परन्तु कोई न मिला।

21 और लोगों ने मेरे खाने के लिये इन्द्रायन दिया, और मेरी प्यास बुझाने के लिये मुझे सिरका पिलाया॥

22 उनका भोजन उनके लिये फन्दा हो जाए; और उनके सुख के समय जाल बन जाए।

23 उनकी आंखों पर अन्धेरा छा जाए, ताकि वे देख न सकें; और तू उनकी कटि को निरन्तर कंपाता रह।

24 उनके ऊपर अपना रोष भड़का, और तेरे क्रोध की आंच उन को लगे।

25 उनकी छावनी उजड़ जाए, उनके डेरों में कोई न रहे।