17 तौभी वे फिर उसके विरुद्ध अधिक पाप करते गए, और निर्जल देश में परमप्रधान के विरुद्ध उठते रहे।
पूरा अध्याय पढ़ें भजन संहिता 78
देखें संदर्भ में भजन संहिता 78:17