भजन संहिता 78:36-42 HHBD

36 तौभी उन्होंने उससे चापलूसी की; वे उससे झूठ बोले।

37 क्योंकि उनका हृदय उसकी ओर दृढ़ न था; न वे उसकी वाचा के विषय सच्चे थे।

38 परन्तु वह जो दयालु है, वह अधर्म को ढांपता, और नाश नहीं करता; वह बारबार अपने क्रोध को ठण्डा करता है, और अपनी जलजलाहट को पूरी रीति से भड़कने नहीं देता।

39 उसको स्मरण हुआ कि ये नाशमान हैं, ये वायु के समान हैं जो चली जाती और लौट नहीं आती।

40 उन्होंने कितनी ही बार जंगल में उससे बलवा किया, और निर्जल देश में उसको उदास किया!

41 वे बारबार ईश्वर की परीक्षा करते थे, और इस्त्राएल के पवित्र को खेदित करते थे।

42 उन्होने न तो उसका भुजबल स्मरण किया, न वह दिन जब उसने उन को द्रोही के वश से छुड़ाया था;