1 हे मेरे उद्धारकर्ता परमेश्वर यहोवा, मैं दिन को और रात को तेरे आगे चिल्लाता आया हूं।
2 मेरी प्रार्थना तुझ तक पहुंचे, मेरे चिल्लाने की ओर कान लगा!
3 क्योंकि मेरा प्राण क्लेश में भरा हुआ है, और मेरा प्राण अधोलोक के निकट पहुंचा है।
4 मैं कबर में पड़ने वालों में गिना गया हूं; मैं बलहीन पुरूष के समान हो गया हूं।
5 मैं मुर्दों के बीच छोड़ा गया हूं, और जो घात हो कर कबर में पड़े हैं, जिन को तू फिर स्मरण नहीं करता और वे तेरी सहायता रहित हैं, उनके समान मैं हो गया हूं।