47 मेरा स्मरण कर, कि मैं कैसा अनित्य हूं, तू ने सब मनुष्यों को क्यों व्यर्थ सिरजा है?
पूरा अध्याय पढ़ें भजन संहिता 89
देखें संदर्भ में भजन संहिता 89:47