1 जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा।
2 मैं यहोवा के विषय कहूंगा, कि वह मेरा शरणस्थान और गढ़ है; वह मेरा परमेश्वर है, मैं उस पर भरोसा रखूंगा।
3 वह तो तुझे बहेलिये के जाल से, और महामारी से बचाएगा;
4 वह तुझे अपने पंखों की आड़ में ले लेगा, और तू उसके पैरों के नीचे शरण पाएगा; उसकी सच्चाई तेरे लिये ढाल और झिलम ठहरेगी।
5 तू न रात के भय से डरेगा, और न उस तीर से जो दिन को उड़ता है,
6 न उस मरी से जो अन्धेरे में फैलती है, और न उस महारोग से जो दिन दुपहरी में उजाड़ता है॥
7 तेरे निकट हजार, और तेरी दाहिनी ओर दस हजार गिरेंगे; परन्तु वह तेरे पास न आएगा।