मीका 1:5-11 HHBD

5 यह सब याकूब के अपराध, और इस्राएल के घराने के पाप के कारण से होता है। याकूब का अपराध क्या है? क्या सामरिया नहीं? और यहूदा के ऊंचे स्थान क्या हैं? क्या यरूशलेम नहीं?

6 इस कारण मैं सामारिया को मैदान के खेत का ढेर कर दूंगा, और दाख का बगीचा बनाऊंगा; और मैं उसके पत्थरों को खड्ड में लुढ़का दूंगा, और उसकी नेव उखाड़ दूंगा।

7 उसकी सब खुदी हुई मूरतें टुकड़े टुकड़े की जाएंगी; और जो कुछ उसने छिनाला कर के कमाया है वह आग से भस्म किया जाएगा, और उसकी सब प्रतिमाओं को मैं चकनाचूर करूंगा; क्योंकि छिनाले ही की कमाई से उसने उसको संचय किया है, और वह फिर छिनाले की सी कमाई हो जाएगी॥

8 इस कारण मैं छाती पीटकर हाय, हाय, करूंगा; मैं लुटा हुआ सा और नंगा चला फिरा करूंगा; मैं गीदड़ों की नाईं चिल्लाऊंगा, और शतुर्मुगों की नाईं रोऊंगा।

9 क्योंकि उसका घाव असाध्य है; और विपत्ति यहूदा पर भी आ पड़ी, वरन वह मेरे जातिभाइयों पर पड़कर यरूशलेम के फाटक तक पहुंच गई है॥

10 गात नगर में इसकी चर्चा मत करो, और मत रोओ; बेतआप्रा में धूलि में लोटपोट करो।

11 हे शापीर की रहने वाली नंगी हो कर निर्लज चली जा; सानान की रहने वाली नहीं निकल सकती; बेतसेल के रोने पीटने के कारण उसका शरण स्थान तुम से ले लिया जाएगा।