4 हे सीदोन, लज्जित हो, क्योंकि समुद्र ने अर्थात समुद्र के दृढ़ स्थान ने यह कहा है, मैं ने न तो कभी जन्माने की पीड़ा जानी और न बालक को जन्म दिया, और न बेटों को पाला और न बेटियों को पोसा है।
5 जब सोर का समाचार मिस्र में पहुंचे, तब वे सुन कर संकट में पड़ेंगे।
6 हे समुद्र के तीर के रहने वालों हाय, हाय, करो! पार हो कर तर्शीश को जाओ।
7 क्या यह तुम्हारी प्रसन्नता से भरी हुई नगरी है जो प्राचीनकाल से बसी थी, जिसके पांव उसे बसने को दूर ले जाते थे?
8 सोर जो राजाओं की गद्दी पर बैठाती थी, जिसके व्योपारी हाकिम थे, और जिसके महाजन पृथ्वी भर में प्रतिष्ठित थे, उसके विरुद्ध किस ने ऐसी युक्ति की है?
9 सेनाओं के यहोवा ही ने ऐसी युक्ति की है कि समस्त गौरव के घमण्ड को तुच्छ कर दे और पृथ्वी के प्रतिष्ठितों का अपमान करवाए।
10 हे तर्शीश के निवासियों नील नदी की नाईं अपने देश में फैल जाओ; अब कुछ बन्धन नहीं रहा।