यशायाह 27:3-9 HHBD

3 मैं यहोवा उसकी रक्षा करता हूं; मैं झण झण उसको सींचता रहूंगा। ऐसा न हो कि कोई उसकी हानि करे।

4 मेरे मन में जलजलाहट नहीं है। यदि कोई भांति भांति के कटीले पेड़ मुझ से लड़ने को खड़े करता, तो मैं उन पर पांव बढ़ाकर उन को पूरी रीति से भस्म कर देता।

5 वा मेरे साथ मेल करने को वे मेरी शरण लें, वे मेरे साथ मेल कर लें॥

6 भविष्य में याकूब जड़ पकड़ेगा, और इस्राएल फूले-फलेगा, और उसके फलों से जगत भर जाएगा॥

7 क्या उसने उसे मारा जैसा उसने उसके मारने वालों को मारा था? क्या वह घात किया गया जैसे उसके घात किए हुए घात हुए?

8 जब तू ने उसे निकाला, तब सोच-विचार कर उसको दु:ख दिया: उसे ने पुरवाई के दिन उसको प्रचण्ड वायु से उड़ा दिया है।

9 इस से याकूब के अधर्म का प्रायश्चित किया जाएगा और उसके पाप के दूर होने का प्रतिफल यह होगा कि वे वेदी के सब पत्थरों को चूना बनाने के पत्थरों के समान चकनाचूर करेंगे, और अशेरा और सूर्य की प्रतिमाएं फिर खड़ी न रहेंगी।