यशायाह 28:2-8 HHBD

2 देखो, प्रभु के पास एक बलवन्त और सामर्थी है जो ओले की वर्षा वा उजाड़ने वाली आंधी या बाढ़ की प्रचण्ड धार की नाईं है वह उसको कठोरता से भूमि पर गिरा देगा।

3 एप्रैमी मत वालों के घमण्ड का मुकुट पांव से लताड़ा जाएगा;

4 और उनकी भड़कीली सुन्दरता का मुर्झानेवाला फूल जो अति उपजाऊ तराई के सिरे पर है, वह ग्रीष्मकाल से पहिले पके अंजीर के समान होगा, जिसे देखने वाला देखते ही हाथ में ले और निगल जाए॥

5 उस समय सेनाओं का यहोवा स्वयं अपनी प्रजा के बचे हुओं के लिये सुन्दर और प्रतापी मुकुट ठहरेगा;

6 और जो न्याय करने को बैठते हैं उनके लिये न्याय करने वाली आत्मा और जो चढ़ाई करते हुए शत्रुओं को नगर के फाटक से हटा देते हैं, उनके लिये वह बल ठहरेगा॥

7 ये भी दाखमधु के कारण डगमगाते और मदिरा से लड़खड़ाते हैं; याजक और नबी भी मदिरा के कारण डगमगाते हैं, दाखमधु ने उन को भुला दिया है, वे मदिरा के कारण लड़खड़ाते और दर्शन पाते हुए भटक जाते, और न्याय में भूल करते हैं।

8 क्योंकि सब भोजन आसन वमन और मल से भरे हैं, कोई शुद्ध स्थान नहीं बचा॥