यशायाह 28:22-28 HHBD

22 इसलिये अब तुम ठट्ठा मत करो, नहीं तो तुम्हारे बन्धन कसे जाएंगे; क्योंकि मैं ने सेनाओं के प्रभु यहोवा से यह सुना है कि सारे देश का सत्यानाश ठाना गया है॥

23 कान लगाकर मेरी सुनो, ध्यान धरकर मेरा वचन सुनो।

24 क्या हल जोतने वाला बीज बोने के लिये लगातार जोतता रहता है? क्या वह सदा धरती को चीरता और हेंगाता रहता है?

25 क्या वह उसको चौरस कर के सौंफ को नहीं छितराता, जीरे को नहीं बखेरता और गेहूं को पांति पांति कर के और जव को उसके निज स्थान पर, और कठिये गेहूं को खेत की छोर पर नहीं बोता?

26 क्योंकि उसका परमेश्वर उसको ठीक ठीक काम करना सिखलाता और बतलाता है॥

27 दांवने की गाड़ी से तो सौंफ दाई नहीं जाती, और गाड़ी का पहिया जीरे के ऊपर नहीं चलाया जाता; परन्तु सौंफ छड़ी से, और जीरा सोंटें से झाड़ा जाता है।

28 रोटी के अन्न पर दायें की जाती है, परन्तु कोई उसको सदा दांवता नहीं रहता; और न गाड़ी के पहिये न घोड़े उस पर चलाता है, वह उसे चूर चूर नहीं करता।