यशायाह 29:16-22 HHBD

16 तुम्हारी कैसी उलटी समझ है! क्या कुम्हार मिट्टी के तुल्य गिना जाएगा? क्या बनाई हुई वस्तु अपने कर्त्ता के विषय कहे कि उसने मुझे नहीं बनाया, वा रची हुई वस्तु अपने रचने वाले के विषय कहे, कि वह कुछ समझ नहीं रखता?

17 क्या अब थोड़े ही दिनों के बीतने पर लबानोन फिर फलदाई बारी न बन जाएगा, और फलदाई बारी जंगल न गिनी जाएगी?

18 उस समय बहिरे पुस्तक की बातें सुनने लेगेंगे, और अन्धे जिन्हें अब कुछ नहीं सूझता, वे देखने लेगेंगे।

19 नम्र लोग यहोवा के कारण फिर आनन्दित होंगे, और दरिद्र मनुष्य इस्राएल के पवित्र के कारण मगन होंगे।

20 क्योंकि उपद्रवी फिर न रहेंगे और ठट्ठा करने वालों का अन्त होगा, और जो अनर्थ करने के लिये जागते रहते हैं, जो मनुष्यों को वचन में फंसाते हैं,

21 और जो सभा में उलहना देते उनके लिये फंदा लगाते, और धर्म को व्यर्थ बात के द्वारा बिगाड़ देते हैं, वे सब मिट जाएंगे॥

22 इस कारण इब्राहीम का छुड़ाने वाला यहोवा, याकूब के घराने के विषय यों कहता है, याकूब को फिर लज्जित होना न पड़ेगा, उसका मुख फिर नीचा न होगा।