13 यहोवा देश देश के लोगों से मुकद्दमा लड़ने और उनका न्याय करने के लिये खड़ा है।
14 यहोवा अपनी प्रजा के वृद्ध और हाकिमों के साथ यह विवाद करता है, तुम ही ने बारी की दाख खा डाली है, और दीन लोगों का धन लूटकर तुम ने अपने घरों में रखा है।
15 सेनाओं के प्रभु यहोवा की यह वाणी है, तुम क्यों मेरी प्रजा को दलते, और दीन लोगों को पीस डालते हो!
16 यहोवा ने यह भी कहा है, क्योंकि सिय्योन की स्त्रियां घमण्ड करतीं और सिर ऊंचे किये आंखें मटकातीं और घुंघुरूओं को छमछमाती हुई ठुमुक ठुमुक चलती हैं,
17 इसलिये प्रभु यहोवा उनके सिर को गंजा करेगा, और उनके तन को उघरवाएगा॥
18 उस समय प्रभु घुंघुरूओं, जालियों,
19 चंद्रहारों, झुमकों, कड़ों, घूंघटों,