यशायाह 37:23-29 HHBD

23 तू ने किस की नामधराई और निन्दा की है? और तू जो बड़ा बोल बोला और घमण्ड किया है, वह किस के विरुद्ध किया है? इस्राएल के पवित्र के विरुद्ध!

24 अपने कर्मचारियों के द्वारा तू ने प्रभु की निन्दा कर के कहा है कि बहुत से रथ ले कर मैं पर्वतों की चोटियों पर वरन लबानोन के बीच तक चढ़ आया हूं; मैं उसके ऊंचे ऊंचे देवदारों और अच्छे अच्छे सनौबरों को काट डालूंगा और उसके दूर दूर के ऊंचे स्थानों में और उसके वन की फलदाई बारियों में प्रवेश करूंगा।

25 मैं ने खुदवा कर पानी पिया और मिस्र की नहरों में पांव धरते ही उन्हें सुखा दिया।

26 क्या तू ने नहीं सुना कि प्राचीनकाल से मैं ने यही ठाना और पूर्वकाल से इसकी तैयारी की थी? इसलिये अब मैं ने यह पूरा भी किया है कि तू गढ़ वाले नगरों को खण्डहर की खण्डहर कर दे।

27 इसी कारण उनके रहने वालों का बल घट गया और वे विस्मित और लज्जित हुए: वे मैदान के छोटे छोटे पेड़ों और हरी घास और छत पर की घास और ऐसे अनाज के समान हो गए जो बढ़ने से पहिले ही सूख जाता है॥

28 मैं तो तेरा बैठना, कूच करना और लौट आना जानता हूं; और यह भी कि तू मुझ पर अपना क्रोध भड़काता है।

29 इस कारण कि तू मुझ पर अपना क्रोध भड़काता और तेरे अभिमान की बातें मेरे कानों में पड़ी हैं, मैं तेरी नाक में नकेल डालकर और तेरे मुंह में अपनी लगाम लगाकर जिस मार्ग से तू आया है उसी मार्ग से तुझे लौटा दूंगा॥