यशायाह 49:12-18 HHBD

12 देखो, ये दूर से आएंगे, और, ये उत्तर और पच्छिम से और सीनियों के देश से आएंगे।

13 हे आकाश, जयजयकार कर, हे पृथ्वी, मगन हो; हे पहाड़ों, गला खोल कर जयजयकार करो! क्योंकि यहोवा ने अपनी प्रजा को शान्ति दी है और अपने दीन लोगों पर दया की है॥

14 परन्तु सिय्योन ने कहा, यहोवा ने मुझे त्याग दिया है, मेरा प्रभु मुझे भूल गया है।

15 क्या यह हो सकता है कि कोई माता अपने दूधपिउवे बच्चे को भूल जाए और अपने जन्माए हुए लड़के पर दया न करे? हां, वह तो भूल सकती है, परन्तु मैं तुझे नहीं भूल सकता।

16 देख, मैं ने तेरा चित्र हथेलियों पर खोदकर बनाया है; तेरी शहरपनाह सदैव मेरी दृष्टि के साम्हने बनी रहती है।

17 तेरे लड़के फुर्ती से आ रहे हैं और खण्डहर बनाने वाले और उजाड़ने वाले तेरे बीच से निकले जा रहे हैं।

18 अपनी आंखें उठा कर चारों ओर देख, वे सब के सब इकट्ठे हो कर तेरे पास आ रहे हैं। यहोवा की यह वाणी है कि मेरे जीवन की शपथ, तू निश्चय उन सभों को गहने के समान पहिल लेगी, तू दुल्हिन की नाईं अपने शरीर में उन सब को बान्ध लेगी॥