यशायाह 49:21-26 HHBD

21 तब तू मन में कहेगी, किस ने इन को मेरे लिये जन्माया? मैं तो पुत्रहीन और बांझ हो गई थी, दासत्व में और यहां वहां मैं घूमती रही, इन को किस ने पाला? देख, मैं अकेली रह गई थी; फिर ये कहां थे?

22 प्रभु यहोवा यों कहता है, देख, मैं अपना हाथ जाति जाति के लोगों की ओर उठाऊंगा, और देश देश के लोगों के साम्हने अपना झण्डा खड़ा करूंगा; तब वे तेरे पुत्रों को अपनी गोद में लिए आएंगे, और तेरी पुत्रियों को अपने कन्धे पर चढ़ाकर तेरे पास पहुंचाएंगे।

23 राजा तेरे बच्चों के निज-सेवक और उनकी रानियां दूध पिलाने के लिये तेरी धाइयां होंगी। वे अपनी नाक भूमि पर रगड़ कर तुझे दण्डवत करेंगे और तेरे पांवों की धूलि चाटेंगे। तब तू यह जान लेगी कि मैं ही यहोवा हूं; मेरी बाट जोहने वाले कभी लज्जित न होंगे॥

24 क्या वीर के हाथ से शिकार छीना जा सकता है? क्या दुष्ट के बंधुए छुड़ाए जा सकते हैं?

25 तौभी यहोवा यों कहता है, हां, वीर के बंधुए उस से छीन लिए जांएगे, और बलात्कारी का शिकार उसके हाथ से छुड़ा लिया जाएगा, क्योंकि जो तुझ से लड़ते हैं उन से मैं आप मुकद्दमा लडूंगा, और तेरे लड़के-बालों का मैं उद्धार करूंगा।

26 जो तुझ पर अन्धेर करते हैं उन को मैं उन्हीं का मांस खिलाऊंगा, और, वे अपना लोहू पीकर ऐसे मत वाले होंगे जैसे नये दाखमधु से होते हैं। तब सब प्राणी जान लेंगे कि तेरा उद्धारकर्ता यहोवा और तेरा छुड़ाने वाला, याकूब का शक्तिमान मैं ही हूं॥