यशायाह 59:1-4 HHBD

1 सुनो, यहोवा का हाथ ऐसा छोटा नहीं हो गया कि उद्धार न कर सके, न वह ऐसा बहिरा हो गया है कि सुन न सके;

2 परन्तु तुम्हारे अधर्म के कामों ने तुम को तुम्हारे परमेश्वर से अलग कर दिया है, और तुम्हारे पापों के कारण उस का मुँह तुम से ऐसा छिपा है कि वह नहीं सुनता।

3 क्योंकि तुम्हारे हाथ हत्या से और तुम्हारी अंगुलियां अधर्म के कर्मों से अपवित्र हो गईं हैं; तुम्हारे मुंह से तो झूठ और तुम्हारी जीभ से कुटिल बातें निकलती हैं।

4 कोई धर्म के साथ नालिश नहीं करता, न कोई सच्चाई से मुकद्दमा लड़ता है; वे मिथ्या पर भरोसा रखते हैं और झूठ बातें बकते हैं, उसको मानो उत्पात का गर्भ रहता, और वे अनर्थ को जन्म देते हैं।