यशायाह 59:14-20 HHBD

14 न्याय तो पीछे हटाया गया और धर्म दूर खड़ा रह गया; सच्चाई बाजार में गिर पड़ी और सिधाई प्रवेश नहीं करने पाती।

15 हां, सच्चाई खोई, और जो बुराई से भागता है सो शिकार हो जाता है॥ यह देखकर यहोवा ने बुरा माना, क्योंकि न्याय जाता रहा,

16 उसने देखा कि कोई भी पुरूष नहीं, और इस से अचम्भा किया कि कोई बिनती करने वाला नहीं; तब उसने अपने ही भुजबल से उद्धार किया, और अपने धर्मी होने के कारण वह सम्भल गया।

17 उसने धर्म को झिलम की नाईं पहिन लिया, और उसके सिर पर उद्धार का टोप रखा गया; उसने पलटा लेने का वस्त्र धारण किया, और जलजलाहट को बागे की नाईं पहिन लिया है।

18 उनके कर्मों के अनुसार वह उन को फल देगा, अपने द्रोहियों पर वह अपना क्रोध भड़काएगा और अपने शत्रुओं को उनकी कमाई देगा; वह द्वीप वासियों को भी उनकी कमाई भर देगा।

19 तब पश्चिम की ओर लोग यहोवा के नाम का, और पूर्व की ओर उसकी महिमा का भय मानेंगे; क्योंकि जब शत्रु महानद की नाईं चढ़ाई करेंगे तब यहोवा का आत्मा उसके विरुद्ध झण्डा खड़ा करेगा॥

20 और याकूब में जो अपराध से मन फिराते हैं उनके लिये सिय्योन में एक छुड़ाने वाला आएगा, यहोवा की यही वाणी है।