18 तेरे देश में फिर कभी उपद्रव और तेरे सिवानों के भीतर उत्पात वा अन्धेर की चर्चा न सुनाईं पड़ेगी; परन्तु तू अपनी शहरपनाह का नाम उद्धार और अपने फाटकों का नाम यश रखेगी।
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