यशायाह 63:11-17 HHBD

11 तब उसके लोगों को उनके प्राचीन दिन अर्थात मूसा के दिन स्मरण आए, वे कहने लगे कि जो अपनी भेड़ों को उनके चरवाहे समेत समुद्र में से निकाल लाया वह कहां है? जिसने उनके बीच अपना पवित्र आत्मा डाला, वह कहां है?

12 जिसने अपने प्रतापी भुजबल को मूसा के दाहिने हाथ के साथ कर दिया, जिसने उनके साम्हने जल को दो भाग कर के अपना सदा का नाम कर लिया,

13 जो उन को गहिरे समुद्र में से ले चला; जैसा घोड़े को जंगल में वैसे ही उन को भी ठोकर न लगी, वह कहां है?

14 जैसे घरैलू पशु तराई में उतर जाता है, वैसे ही यहोवा के आत्मा ने उन को विश्राम दिया। इसी प्रकार से तू ने अपनी प्रजा की अगुवाई की ताकि अपना नाम महिमायुक्त बनाए॥

15 स्वर्ग से, जो तेरा पवित्र और महिमापूर्ण वासस्थान है, दृष्टि कर। तेरी जलन और पराक्रम कहां रहे? तेरी दया और करूणा मुझ पर से हट गई हैं।

16 निश्चय तू हमारा पिता है, यद्यपि इब्राहीम हमें नहीं पहिचानता, और इस्राएल हमें ग्रहण नहीं करता; तौभी, हे यहोवा, तू हमारा पिता और हमारा छुड़ाने वाला है; प्राचीनकाल से यही तेरा नाम है।

17 हे यहोवा, तू क्यों हम को अपने मार्गों से भटका देता, और हमारे मन ऐसे कठोर करता है कि हम तेरा भय नहीं मानते? अपने दास, अपने निज भाग के गोत्रों के निमित्त लौट आ।