यहेजकेल 24:15-21 HHBD

15 यहोवा का यह भी वचन मेरे पास पहुंचा,

16 हे मनुष्य के सन्तान, देख, मैं तेरी आंखों की प्रिय को मार कर तेरे पास से ले लेने पर हूँ; परन्तु न तू रोना-पीटना और न आंसू बहाना।

17 लम्बी सांसें ले तो ले, परन्तु वे सुनाईं न पड़ें; मरे हुओं के लिये भी विलाप न करना। सिर पर पगड़ी बान्धे और पांवों में जूती पहने रहना; और न तो अपने होंठ को ढांपना न शोक के योग्य रोटी खाना।

18 तब मैं सवेरे लोगों से बोला, और सांझ को मेरी स्त्री मर गई। और बिहान को मैं ने आज्ञा के अनुसार किया।

19 तब लोग मुझ से कहने लगे, क्या तू हमें न बताएगा कि यह जो तू करता है, इसका हम लोगों के लिये क्या अर्थ है?

20 मैं ने उन को उत्तर दिया, यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,

21 तू इस्राएल के घराने से कह, प्रभु यहोवा यों कहता है, देखो, मैं अपने पवित्र स्थान को जिसके गढ़ होने पर तुम फूलते हो, और जो तम्हारी आंखों का चाहा हुआ है, और जिस को तुम्हारा मन चाहता है, उसे मैं अपवित्र करने पर हूं; और अपने जिन बेटे-बेटियों को तुम वहां छोड़ आए हो, वे तलवार से मारे जाएंगे।