यहेजकेल 26:1-5 HHBD

1 ग्यारहवें वर्ष के पहिले महीने के पहिले दिन को यहोवा का यह वचन मेरे पास पहंचा,

2 हे मनुष्य के सन्तान, सोर ने जो यरूशलेम के विष्य में कहा है, अहा, अहा। जो देश देश के लोगों के फाटक के समान थी, वह नाश होगई।

3 उसके उजड़ जाने से मैं भरपूर हो जाऊंगा! इस कारण परमेश्वर यहोवा कहता है, हे सोर, देख, मैं तेरे विरुद्ध हूँ; और ऐसा करूंगा कि बहुत सी जातियां तेरे विरुद्ध ऐसी उठेंगी जैसे समुद्र की लहरें उठती हैं।

4 और वे सोर की शहरपनाह को गिराएंगी, और उसके गुम्मटों को तोड़ डालेंगी; और मैं उस पर से उसकी मिट्टी खुरच कर उसे नंगी चट्टान कर दूंगा।

5 वह समुद्र के बीच का जाल फैलाने ही का स्थान हो जाएगा; क्योंकि परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है; और वह जाति जाति से लुट जाएगा;