यहेजकेल 27:26-32 HHBD

26 तेरे खिवैयों ने तुझे गहिरे जल में पहुंचा दिया है, और पुरवाई ने तुझे समुद्र के बीच तोड़ दिया है।

27 जिस दिन तू डूबेगी, उसी दिन तेरा धन-सम्पत्ति, व्यापार का माल, मल्लाह, मांझी, जुड़ाई का काम करने वाले, व्योपारी लोग, और तुझ में जितने सिपाही हैं, और तेरी सारी भीड़-भाड़ समुद्र के बीच गिर जाएंगी।

28 तेरे मांझीयों की चिल्लाहट के शब्द के मारे तेरे आस पास के स्थान कांप उठेंगे।

29 और सब खेने वाले और मल्लाह, और समुद्र में जितने मांझी रहते हैं, वे अपने अपने जहाज पर से उतरेंगे,

30 और वे भूमि पर खड़े हो कर तेरे पिषय में ऊंचे शब्द से बिलक बिलककर रोएंगे। वे अपने अपने सिर पर धूलि उड़ाकर राख में लोटेंगे;

31 और तेरे शोक में अपने सिर मुंड़वा देंगे, और कमर में टाट बान्ध कर अपने मन के कड़े दु:ख के साथ तेरे विषय में रोएंगे और छाती पीटेंगे।

32 वे विलाप करते हुए तेरे विषय में विलाप का यह गीत बना कर गाएंगे, सोर जो अब समुद्र के बीच चुपचाप पड़ी है, उसके तुल्य कौन नगरी है?