यहेजकेल 27:28-34 HHBD

28 तेरे मांझीयों की चिल्लाहट के शब्द के मारे तेरे आस पास के स्थान कांप उठेंगे।

29 और सब खेने वाले और मल्लाह, और समुद्र में जितने मांझी रहते हैं, वे अपने अपने जहाज पर से उतरेंगे,

30 और वे भूमि पर खड़े हो कर तेरे पिषय में ऊंचे शब्द से बिलक बिलककर रोएंगे। वे अपने अपने सिर पर धूलि उड़ाकर राख में लोटेंगे;

31 और तेरे शोक में अपने सिर मुंड़वा देंगे, और कमर में टाट बान्ध कर अपने मन के कड़े दु:ख के साथ तेरे विषय में रोएंगे और छाती पीटेंगे।

32 वे विलाप करते हुए तेरे विषय में विलाप का यह गीत बना कर गाएंगे, सोर जो अब समुद्र के बीच चुपचाप पड़ी है, उसके तुल्य कौन नगरी है?

33 जब तेरा माल समुद्र पर से निकलता था, तब बहुत सी जातियों के लोग तृप्त होते थे; तेरे धन और व्यापार के माल की बहुतायत से पृथ्वी के राजा धनी होते थे।

34 जिस समय तू अथाह जल में लहरों से टूटी, उस समय तेरे व्योपार का माल, और तेरे सब निवासी भी तेरे भीतर रहकर नाश हो गए।