यहेजकेल 28:14-20 HHBD

14 तू छानेवाला अभिषिक्त करूब था, मैं ने तुझे ऐसा ठहराया कि तू परमेश्वर के पवित्र पर्वत पर रहता था; तू आग सरीखे चमकने वाले मणियों के बीच चलता फिरता था।

15 जिस दिन से तू सिरजा गया, और जिस दिन तक तुझ में कुटिलता न पाई गई, उस समय तक तू अपनी सारी चालचलन में निर्दोष रहा।

16 परन्तु लेन-देन की बहुतायत के कारण तू उपद्रव से भर कर पापी हो गया; इसी से मैं ने तुझे अपवित्र जान कर परमेश्वर के पर्वत पर से उतारा, और हे छाने वाले करूब मैं ने तुझे आग सरीखे चमकने वाले मणियों के बीच से नाश किया है।

17 सुन्दरता के कारण तेरा मन फूल उठा था; और वैभव के कारण तेरी बुद्धि बिगड़ गई थी। मैं ने तुझे भूमि पर पटक दिया; और राजाओं के साम्हने तुझे रखा कि वे तुझ को देखें।

18 तेरे अधर्म के कामों की बहुतायत से और तेरे लेन-देन की कुटिलता से तेरे पवित्र स्थान अपवित्र हो गए; सो मैं ने तुझ में से ऐसी आग उत्पन्न की जिस से तू भस्म हुआ, और मैं ने तुझे सब देखने वालों के साम्हने भूमि पर भस्म कर डाला है।

19 देश देश के लोगों में से जितने तुझे जानते हैं सब तेरे कारण विस्मित हुए; तू भय का कारण हुआ है और फिर कभी पाया न जाएगा।

20 यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुंचा,