यहेजकेल 3:20-26 HHBD

20 फिर जब धमीं जन अपने धर्म से फिर कर कुटिल काम करने लगे, और मैं उसके साम्हने ठोकर रखूं, तो वह मर जाएगा, क्योंकि तू ने जो उसको नहीं चिताया, इसलिये वह अपने पाप में फंसा हुआ मरेगा; और जो धर्म के कर्म उसने किए हों, उनकी सुधि न ली जाएगी, पर उसके खून का लेखा मैं तुझी से लूंगा।

21 परन्तु यदि तू धमीं को ऐसा कह कर चिताए, कि वह पाप न करे, और वह पाप से बच जाए, तो वह चितौनी को ग्रहण करने के कारण निश्चय जीवित रहेगा, और तू अपने प्राण को बचाएगा।

22 फिर यहोवा की शक्ति वहीं मुझ पर प्रगट हुई, और उसने मुझ से कहा, उठ कर मैदान में जा; और वहां मैं तुझ से बातें करूंगा।

23 तब मैं उठ कर मैदान में गया, और वहां क्या देखा, कि यहोवा का प्रताप जैसा मुझे कबार नदी के तीर पर, वैसा ही यहां भी दिखाई पड़ता है; और मैं मुंह के बल गिर पड़ा।

24 तब आत्मा ने मुझ में समाकर मुझे पांवों के बल खड़ा कर दिया; फिर वह मुझ से कहने लगा, जा अपने घर के भीतर द्वार बन्द कर के बैठ रह।

25 और हे मनुष्य के सन्तान, देख; वे लोग तुझे रस्सियों जकड़ कर बान्ध रखेंगे, और तू निकल कर उनके बीच जाने नहीं पाएगा।

26 और मैं तेरी जीभ तेरे तालू से लगाऊंगा; जिस से तू मौन रह कर उनका डांटने वाला न हो, क्योंकि वे बलवई घराने के हैं।