यहेजकेल 31:11-17 HHBD

11 इसलिये जातियों में जो सामथीं है, मैं उसी के हाथ उसको कर दूंगा, और वह निश्चय उस से बुरा व्यवहार करेगा। उसकी दुष्टता के कारण मैं ने उसको निकाल दिया है।

12 परदेशी, जो जातियों में भयानक लोग हैं, वे उसको काट कर छोड़ देंगे, उसकी डालियां पहाड़ों पर, और सब तराइयों में गिराई जाएंगी, और उसकी शाखाएं देश के सब नालों में टूटी पड़ी रहेंगी, और जाति जाति के सब लोग उसकी छाया को छोड़ कर चले जाएंगे।

13 उस गिरे हुए वृक्ष पर आकाश के सब पक्षी बसेरा करते हैं, और उसकी शाखाओं के ऊपर मैदान के सब जीवजन्तु चढ़ने पाते हैं।

14 यह इसलिये हुआ है कि जल के पास के सब वृक्षों में से कोई अपनी ऊंचाई न बढ़ाए, न अपनी फुनगी को बादलों तक पहुंचाए, और उन में से जितने जल पाकर दृढ़ हो गए हैं वे ऊंचे होने के कारण सिर न उठाएं; क्योंकि वे भी सब के सब कबर में गड़े हुए मनुष्यों के समान मृत्यु के वश कर के अधोलोक में डाल दिए जाएंगे।

15 परमेश्वर यहोवा यों कहता है, जिस दिन वह अधोलोक में उतर गया, उस दिन मैं ने विलाप कराया और गहिरे समुद्र को ढांप दिया, और नदियों का बहुत जल रुक गया; और उसके कारण मैं ने लबानोन पर उदासी छा दी, और मैदान के सब वृक्ष मूछिर्त हुए।

16 जब मैं ने उसको कबर में गड़े हुओं के पास अधोलोक में फेंक दिया, तब उसके गिरने के शब्द से जाति जाति थरथरा गई, और एदेन के सब वृक्ष अर्थात लबानोन के उत्तम उत्तम वृक्षों ने, जितने उस से जल पाते हैं, उन सभों ने अधोलोक में शान्ति पाई।

17 वे भी उसके संग तलवार से मारे हुओं के पास अधोलोक में उतर गए; अर्थात वे जो उसकी भुजा थे, और जाति जाति के बीच उसकी छाया में रहते थे।