यहेजकेल 34:25-31 HHBD

25 मैं उनके साथ शान्ति की वाचा बान्धूंगा, और दुष्ट जन्तुओं को देश में न रहने दूंगा; सो वे जंगल में निडर रहेंगे, और वन में सोएंगे।

26 और मैं उन्हें और अपनी पहाड़ी के आस पास के स्थानों को आशीष का कारण बना दूंगा; और मेंह को मैं ठीक समय में बरसाया करूंगा; और वे आशीषों की वर्षा होंगी।

27 और मैदान के वृक्ष फलेंगे और भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और वे अपने देश में निडर रहेंगे; जब मैं उनके जूए को तोड़ कर उन लोगों के हाथ से छुड़ाऊंगा, जो उन से सेवा कराते हैं, तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।

28 वे फिर जाति-जाति से लूटे न जाएंगे, और न वनपशु उन्हें फाड़ खाएंगे; वे निडर रहेंगे, और उन को कोई न डराएगा।

29 और मैं उनके लिये महान बारियें उपजाऊंगा, और वे देश में फिर भूखों न मरेंगे, और न जाति-जाति के लोग फिर उनकी निन्दा करेंगे।

30 और वे जानेंगे कि मैं परमेश्वर यहोवा, उनके संग हूँ, और वे जो इस्राएल का घराना है, वे मेरी प्रजा हैं, मुझ परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।

31 तुम तो मेरी भेड़-बकरियां, मेरी चराई की भेड़-बकरियां हो, तुम तो मनुष्य हो, और मैं तुम्हारा परमेश्वर हूँ, परमेश्वर यहोवा की यही वाणी है।