यहेजकेल 40:28-34 HHBD

28 तब वह दक्खिनी फाटक से हो कर मुझे भीतरी आंगन में ले गया, और उसने दक्खिनी फाटक को माप कर वैसा ही पाया।

29 अर्थात इसकी भी पहरे वाली कोठरियां, और खम्भे, और खम्भों का ओसारा, सब वैसे ही थे; और इसके और इसके खम्भों के ओसारे के भी चारों ओर भी खिड़कियां थीं; और इसकी लम्बाई पचास और चौड़ाई पच्चीस हाथ की थी।

30 और इसके चारों ओर के खम्भों का ओसारा भी पच्चीस हाथ लम्बा, और पचास हाथ चौड़ा था।

31 और इसका खम्भों का ओसारा बाहरी आंगन की ओर था, और इसके खम्भों पर भी खजूर के पेड़ खुदे हुए थे, और इस पर चढ़ने को आठ सीढिय़ां थीं।

32 फिर वह पुरुष मुझे पूर्व की ओर भीतरी आंगन में ले गया, और उस ओर के फाटक को माप कर वैसा ही पाया।

33 और इसकी भी पहरे वाली कोठरियां और खम्भे और खम्भों का ओसारा, सब वैसे ही थे; और इसके और इसके खम्भों के ओसारे के चारों ओर भी खिड़कियां थीं; इसकी लम्बाई पचास और चौड़ाई पच्चीस हाथ की थी।

34 इसका ओसारा भी बाहरी आंगन की ओर था, और उसके दोनों ओर के खम्भों पर खजूर के पेड़ खुदे हुए थे; और इस पर भी चढ़ने को आठ सीढिय़ां थीं।