यहेजकेल 43:4-10 HHBD

4 तब यहोवा का तेज उस फाटक से हो कर जो पूर्वमुखी था, भवन में आ गया।

5 तब आत्मा ने मुझे उठा कर भीतरी आंगन में पहुंचाया; और यहोवा का तेज भवन में भरा था।

6 तब मैं ने एक जन का शब्द सुना, जो भवन में से मुझ से बोल रहा था, और वह पुरुष मेरे पास खड़ा था।

7 उसने मुझ से कहा, हे मनुष्य के सन्तान, यहोवा की यह वाणी है, यह तो मेरे सिंहासन का स्थान और मेरे पांव रखने की जगह है, जहां मैं इस्राएल के बीच सदा वास किए रहूंगा। और न तो इस्राएल का घराना, और न उसके राजा अपने व्यभिचार से, वा अपने ऊंचे स्थानों में अपने राजाओं की लोथों के द्वारा मेरा पवित्र नाम फिर अशुद्ध ठहराएंगे।

8 वे अपनी डेवढ़ी मेरी डेवढ़ी के पास, और अपने द्वार के खम्भे मेरे द्वार के खम्भों के निकट बनाते थे, और मेरे और उनके बीच केवल भीत ही थी, और उन्होंने अपने घिनौने कामों से मेरा पवित्र नाम अशुद्ध ठहराया था; इसलिये मैं ने कोप कर के उन्हें नाश किया।

9 अब वे अपना व्यभिचार और अपने राजाओं की लोथें मेरे सम्मुख से दूर कर दें, तब मैं उनके बीच सदा वास किए रहूंगा।

10 हे मनुष्य के सन्तान, तू इस्राएल के घराने को इस भवन का नमूना दिखा कि वे अपने अधर्म के कामों से लज्जित हो कर उस नमूने को मापें।