यहेजकेल 47:12-18 HHBD

12 और नदी के दोनों तीरों पर भांति भांति के खाने योग्य फलदाई वृक्ष उपजेंगे, जिनके पत्ते न मुर्झाएंगे और उनका फलना भी कभी बन्द न होगा, क्योंकि नदी का जल पवित्र स्थान से निकला है। उन में महीने महीने, नये नये फल लगेंगे। उनके फल तो खाने के, ओर पत्ते औषधि के काम आएंगे।

13 परमेश्वर यहोवा यों कहता है, जिस सिवाने के भीतर तुम को यह देश अपने बारहों गोत्रों के अनुसार बांटना पड़ेगा, वह यह है: यूसुफ को दो भाग मिलें।

14 और उसे तुम एक दूसरे के समान निज भाग में पाओगे, क्योंकि मैं ने शपथ खाई कि उसे तुम्हारे पितरों को दूंगा, सो यह देश तुम्हारा निज भाग ठहरेगा।

15 देश का सिवाना यह हो, अर्थात उत्तर ओर का सिवाना महासागर से ले कर हेतलोन के पास से सदाद की घाटी तक पहुंचे,

16 और उस सिवाने के पास हमात बेरोता, और सिब्रैम जो दमिश्क ओर हमात के सिवानों के बीच में है, और हसर्हत्तीकोन तक, जो हौरान के सिवाने पर है।

17 और यह सिवाना समुद्र से ले कर दमिश्क के सिवाने के पास के हसरेनोन तक पहुंचे, और उसकी उत्तर ओर हमात हो। उत्तर का सिवाना यही हो।

18 और पूवीं सिवाना जिसकी एक ओर हौरान दमिश्क; और यरदन की ओर गिलाद और इस्राएल का देश हो; उत्तरी सिवाने से ले कर पूवीं ताल तक उसे मापना। पूवीं सिवाना तो यही हो।