32 और पूरब की अलंग साढ़े चार हजार बांस लम्बी जो, और उस में तीन फाटक हों; अर्थात एक यूसुफ का फाटक, एक बिन्यामीन का फाटक, और एक दान का फाटक हो।
33 और दक्खिन की अलंग साढ़े चार हजार बांस लम्बी हो, और उस में तीन फाटक हों; अर्थात एक शिमोन का फाटक, एक इस्साकार का फाटक, और एक जबूलून का फाटक हो।
34 और पश्चिम की अलंग साढ़े चार हजार बांस लम्बी हो, और उस में तीन फाटक हों; अर्थात एक गाद का फाटक, एक आशेर का फाटक और नप्ताली का फाटक हो।
35 नगर की चारों अलंगों का घेरा अठारह हजार बांस का हो, और उस दिन से आगे को नगर का नाम “यहोवा शाम्मा” रहेगा।