यहोशू 10:7-13 HHBD

7 तब यहोशू सारे योद्धाओं और सब शूरवीरों को संग ले कर गिलगाल से चल पड़ा।

8 और यहोवा ने यहोशू से कहा, उन से मत डर, क्योंकि मैं ने उन को तेरे हाथ में कर दिया है; उन में से एक पुरूष भी तेरे साम्हने टिक न सकेगा।

9 तब यहोशू रातोरात गिलगाल से जा कर एकाएक उन पर टूट पड़ा।

10 तब यहोवा ने ऐसा किया कि वे इस्राएलियों से घबरा गए, और इस्राएलियों ने गिबोन के पास उनका बड़ा संहार किया, और बेथोरान के चढ़ाव पर उनका पीछा करके अजेका और मक्केदा तक उन को मारते गए।

11 फिर जब वे इस्राएलियों के साम्हने से भागकर बेथोरोन की उतराई पर आए, तब अजेका पहुंचने तक यहोवा ने आकाश से बड़े बड़े पत्थर उन पर बरसाए, और वे मर गए; जो ओलों से मारे गए उनकी गिनती इस्राएलियों की तलवार से मारे हुओं से अधिक थी॥

12 और उस समय, अर्थात जिस दिन यहोवा ने एमोरियों को इस्राएलियों के वश में कर दिया, उस दिन यहोशू ने यहोवा से इस्राएलियों के देखते इस प्रकार कहा, हे सूर्य, तू गिबोन पर, और हे चन्द्रमा, तू अय्यालोन की तराई के ऊपर थमा रह॥

13 और सूर्य उस समय तक थमा रहा; और चन्द्रमा उस समय तक ठहरा रहा, जब तक उस जाति के लोगों ने अपने शत्रुओं से पलटा न लिया॥ क्या यह बात याशार नाम पुस्तक में नहीं लिखी है कि सूर्य आकाशमण्डल के बीचोबीच ठहरा रहा, और लगभग चार पहर तक न डूबा?