यहोशू 2:13-19 HHBD

13 कि तुम मेरे माता-पिता, भाइयों और बहिनों को, और जो कुछ उनका है उन सभों को भी जीवित रख छोड़ो, और हम सभों का प्राण मरने से बचाओगे।

14 तब उन पुरूषों ने उस से कहा, यदि तू हमारी यह बात किसी पर प्रगट न करे, तो तुम्हारे प्राण के बदले हमारा प्राण जाए; और जब यहोवा हम को यह देश देगा, तब हम तेरे साथ कृपा और सच्चाई से बर्ताव करेंगे।

15 तब राहाब जिसका घर शहरपनाह पर बना था, और वह वहीं रहती थीं, उसने उन को खिड़की से रस्सी के बल उतार के नगर के बाहर कर दिया।

16 और उसने उन से कहा, पहाड़ को चले जाओ, ऐसा न हो कि खोजने वाले तुम को पाएं; इसलिये जब तक तुम्हारे खोजने वाले लौट न आएं तब तक, अर्थात तीन दिन वहीं छिपे रहता, उसके बाद अपना मार्ग लेना।

17 उन्होंने उस से कहा, जो शपथ तू ने हम को खिलाई है उसके विषय में हम तो निर्दोष रहेंगे।

18 तुम, जब हम लोग इस देश में आएंगे, तब जिस खिड़की से तू ने हम को उतारा है उस में यही लाल रंग के सूत की डोरी बान्ध देना; और अपने माता पिता, भाइयों, वरन अपने पिता के घराने को इसी घर में अपने पास इकट्ठा कर रखना।

19 तब जो कोई तेरे घर के द्वार से बाहर निकले, उसके खून का दोष उसी के सिर पड़ेगा, और हम निर्दोष ठहरेंगे: परन्तु यदि तेरे संग घर में रहते हुए किसी पर किसी का हाथ पड़े, तो उसके खून का दोष हमारे सिर पर पड़ेगा।