यिर्मयाह 15:7-13 HHBD

7 मैं ने उन को देश के फाटकों में सूप से फटक दिया है; उन्होंने कुमार्ग को नहीं छोड़ा, इस कारण मैं ने अपनी प्रजा को निर्वंश कर दिया, और नाश भी किया है।

8 उनकी विधवाए मेरे देखने में समुद्र की बालू के किनकों से अधिक हो गई हैं; उनके जवानों की माताओं के विरुद्ध दुपहरी ही को मैं ने लुटेरों को ठहराया है; मैं ने उन को अचानक संकट में डाल दिया और घबरा दिया है।

9 सात लड़कों की माता भी बेहाल हो गई और प्राण भी छोड़ दिया; उसका सूर्य दोपहर ही को अस्त हो गया; उसकी आशा टूट गई और उसका मुंह काला हो गया। और जो रह गए हैं उन को भी मैं शत्रुओं की तलवार से मरवा डालूंगा, यहोवा की यही वाणी है।

10 हे मेरी माता, मुझ पर हाथ, कि तू ने मुझ ऐसे मनुष्य को उत्पन्न किया जो संसार भर से झगड़ा और वादविवाद करने वाला ठहरा है! न तो मैं ने व्याज के लिये रुपये दिए, और न किसी से उधार लिए हैं, तौभी लोग मुझे कोसते हैं।

11 यहोवा ने कहा, निश्चय मैं तेरी भलाई के लिये तुझे दृढ़ करूंगा; विपत्ति और कष्ट के समय मैं शत्रु से भी तेरी बिनती कराऊंगा।

12 क्या कोई पीतल वा लोहा, उत्तर दिशा का लोहा तोड़ सकता है?

13 तेरे सब पापों के कारण जो सर्वत्र देश में हुए हैं मैं तेरी धन-सम्पत्ति और खजाने, बिना दाम दिए लुट जाने दूंगा।