यिर्मयाह 26:17-23 HHBD

17 और देश के पुरनियों में से कितनों ने उठ कर प्रजा की सारी मण्डली से कहा,

18 यहूदा के राजा हिजकिय्याह के दिनों में मोरसेती मीकायाह भविष्यद्वाणी कहता था, उसने यहूदा के सारे लोगों से कहा, सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि सिय्योन जोतकर खेत बनाया जाएगा और यरूशलेम खएडहर हो जाएगा, और भवन वाला पर्वत जंगली स्थान हो जाएगा।

19 क्या यहूदा के राजा हिजकिय्याह ने वा किसी यहूदी ने उसको कहीं मरवा डाला? क्या उस राजा ने यहोवा का भय न माना ओर उस से बिनती न की? और तब यहोवा ने जो विपत्ति उन पर डालने के लिये कहा था, उसके विषय क्या वह न पछताया? ऐसा कर के हम अपने प्राणों की बड़ी हानि करेंगे।

20 फिर शमायाह का पुत्र ऊरिय्याह नाम किर्यत्यारीम का एक पुरुष जो यहोवा के नाम से भविष्यद्वाणी कहता था उसने भी इस नगर और इस देश के विरुद्ध ठीक ऐसी ही भविष्यद्वाणी की जैसी यिर्मयाह ने अभी की है।

21 और जब यहोयाकीम राजा और उसके सब वीरों और सब हाकिमों ने उसके वचन सुने, तब राजा ने उसे मरवा डालने का यत्न किया; और ऊरिय्याह यह सुन कर डर के मारे मिस्र को भाग गया।

22 तब यहोयाकीम राजा ने मिस्र को लोग भेजे अर्थात अकबोर के पुत्र एलनातान को कितने और पुरुषों के साथ मिस्र को भेजा।

23 और वे ऊरिय्याह को मिस्र से निकाल कर यहोयाकीम राजा के पास ले आए; और उसने उसे तलवार से मरवा कर उसकी लोथ को साधारण लोगों की कबरों में फिंकवा दिया।