यिर्मयाह 30:10-16 HHBD

10 इसलिये हे मेरे दास याकूब, तेरे लिये यहोवा की यह वाणी है, मत डर; हे इस्राएल, विस्मित न हो; क्योंकि मैं दूर देश से तुझे और तेरे वंश को बंधुआई के देश से छुड़ा ले आऊंगा। तब याकूब लौट कर, चैन और सुख से रहेगा, और कोई उसको डराने न पाएगा।

11 क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, तुम्हारा उद्धार करने के लिये मैं तुम्हारे संग हूँ; इसलिये मैं उन सब जातियों का अन्त कर डालूंगा, जिन में मैं ने उन्हें तितर-बितर किया है, परन्तु तुम्हारा अन्त न करूंगा। तुम्हारी ताड़ना मैं विचार कर के करूंगा, और तुम्हें किसी प्रकार से निर्दोष न ठहराऊंगा।

12 यहोवा यों कहता है: तेरे दु:ख की कोई औषध नहीं, और तेरी चोट गहिरी और दुखप्रद है।

13 तेरा मुक़द्दमा लड़ने के लिये कोई नहीं, तेरा घाव बान्धने के लिये न पट्टी, न मलहम है।

14 तेरे सब मित्र तुझे भूल गए; वे तुम्हारी सुधि नहीं लेते; क्योंकि तेरे बड़े अधर्म और भारी पापों के कारण, मैं ने शत्रु बन कर तुझे मारा है; मैं ने क्रूर बन कर ताड़ना दी है।

15 तू अपने घाव के मारे क्यों चिल्लाती है? तेरी पीड़ा की कोई औषध नहीं। तेरे बड़े अधर्म और भारी पापों के कारण मैं ने तुझ से ऐसा व्यवहार किया है।

16 परन्तु जितने तुझे अब खाए लेते हैं, वे आप ही खाए जाएंगे, और तेरे द्रोही आप सब के सब बंधुआई में जाएंगे; और तेरे लूटने वाले आप लुटेंगे ओर जितने तेरा धन छीनते हैं, उनका धन मैं छिनवाऊंगा।