यिर्मयाह 30:15-21 HHBD

15 तू अपने घाव के मारे क्यों चिल्लाती है? तेरी पीड़ा की कोई औषध नहीं। तेरे बड़े अधर्म और भारी पापों के कारण मैं ने तुझ से ऐसा व्यवहार किया है।

16 परन्तु जितने तुझे अब खाए लेते हैं, वे आप ही खाए जाएंगे, और तेरे द्रोही आप सब के सब बंधुआई में जाएंगे; और तेरे लूटने वाले आप लुटेंगे ओर जितने तेरा धन छीनते हैं, उनका धन मैं छिनवाऊंगा।

17 मैं तेरा इलाज कर के तेरे घावों को चंगा करूंगा, यहोवा की यह वाणी है; क्योंकि तेरा नाम ठुकराई हुई पड़ा है: वह तो सिय्योन है, उसकी चिन्ता कौन करता है?

18 यहोवा कहता है: मैं याकूब के तम्बू को बंधुआई से लौटाता हूँ और उसके घरों पर दया करूंगा; और नगर अपने ही खण्डहर पर फिर बसेगा, और राजभवन पहिले के अनुसार फिर बन जाएगा।

19 तब उन में से धन्य कहने, और आनन्द करने का शब्द सुनाई पड़ेगा।

20 मैं उनका वैभव बढ़ाऊंगा, और वे थोड़े न होंगे। उनके लड़के बाले प्राचीनकाल के समान होंगे, और उनकी मण्डली मेरे साम्हने स्थिर रहेगी; और जितने उन पर अन्धेर करते हैं उन को मैं दण्ड दूंगा।

21 उनका महापुरुष उन्हीं में से होगा, और जो उन पर प्रभुता करेगा, वह उन्हीं में से उत्पन्न होगा; मैं उसे अपने निकट बुलाऊंगा, और वह मेरे समीप आ भी जाएगा, क्योंकि कौन है जो अपने आप मेरे समीप आ सकता है? यहोवा की यही वाणी है।