यिर्मयाह 46:5-11 HHBD

5 मैं क्यों उन को व्याकुल देखता हूँ? वे विस्मित हो कर पीछे हट गए। उनके शूरवीर गिराए गए और उतावली कर के भाग गए; वे पीछे देखते भी नहीं; क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि चारों ओर भय ही भय है!

6 न वेग चलने वाला भागने पाएगा और न वीर बचने पाएगा; क्योंकि उत्तर दिशा में परात महानद के तीर पर वे सब ठोकर खाकर गिर पड़े।

7 यह कौन है, जो नील नदी की नाईं, जिसका जल महानदों का सा उछलता है, बढ़ा चला आता है?

8 मिस्र नील नदी की नाईं बढ़ता है, उसका जल महानदों का सा उछलता है। वह कहता है, मैं चढ़कर पृथ्वी को भर दूंगा, मैं नगरों को उनके निवासियों समेत नाश कर दूंगा।

9 हे मिस्री सवारो आगे बढ़ो, हे रथियो बहुत ही वेग से चलाओ! हे ढाल पकड़ने वाले कूशी और पूती वीरो, हे धनुर्धारी लूदियो चले आओ।

10 क्योंकि वह दिन सेनाओं के यहोवा प्रभु के बदला लेने का दिन होगा जिस में वह अपने द्रोहियों से बदला लेगा। सो तलवार खाकर तृप्त होगी, और उनका लोहू पीकर छक जाएगी। क्योंकि, उत्तर के देश में परात महानद के तीर पर, सेनाओं के यहोवा प्रभु का यज्ञ है।

11 हे मिस्र की कुमारी कन्या, गिलाद को जा कर बलसान औषधि ले; तू व्यर्थ ही बहुत इलाज करती है, तू चंगी नहीं होगी!