यिर्मयाह 48:29-35 HHBD

29 हम ने मोआब के गर्व के विषय में सुना है कि वह अत्यन्त अभिमानी है; उसका गर्व, अभिमान और अहंकार, और उसका मन फूलना प्रसिद्ध है।

30 यहोवा की यह वाणी है, मैं उसके रोष को भी जानता हूँ कि वह व्यर्थ ही है, उसके बड़े बोल से कुछ बन न पड़ा।

31 इस कारण मैं मोआबियों के लिये हाय-हाय करूंगा; हां मैं सारे मोआबियों के लिये चिल्लाऊंगा; कीर्हेरेस के लोगों के लिये विलाप किया जाएगा।

32 हे सिबमा की दाखलता, मैं तुम्हारे लिये याजेर से भी अधिक विलाप करूंगा! तेरी डालियां तो ताल के पार बढ़ गई, वरन याजेर के ताल तक भी पहुंची थीं; पर नाश करने वाला तेरे धूपकाल के फलों पर, और तोड़ी हुई दाखों पर भी टूट पड़ा है।

33 फलवाली बारियों से और मोआब के देश से आनन्द और मगन होना उठ गया है; मैं ने ऐसा किया कि दाखरस के कुण्डों में कुछ दाखमधु न रहा; लोग फिर ललकारते हुए दाख न रौंदेंगे; जो ललकार होने वाली है, वह अब नहीं होगी।

34 हेशबोन की चिल्लाहट सुन कर लोग एलाले और यहस तक, और सोआर से होरोनैम और एग्लतशलीशिया तक भी चिल्लाते हुए भागे चले गए हैं। क्योंकि निम्रीम का जल भी सूख गया है।

35 और यहोवा की यह वाणी है, कि मैं ऊंचे स्थान पर चढ़ावा चढ़ाना, और देवताओं के लिये धूप जलाना, दोनों को मोआब में बन्द कर दूंगा।