यिर्मयाह 49:1-7 HHBD

1 अम्मोनियों के विषय यहोवा यों कहता है, क्या इस्राएल के पुत्र नहीं हैं? क्या उसका कोई वारिस नहीं रहा? फिर मल्काम क्यों गाद के देश का अधिकारी हुआ? और उसकी प्रजा क्यों उसके नगरों में बसने पाई है?

2 यहोवा की यह वाणी है, ऐसे दिन आने वाले हैं, कि मैं अम्मोनियों के रब्बा नाम नगर के विरुद्ध युद्ध की ललकार सुनवाऊंगा, और वह उजड़ कर खण्डहर हो जाएगा, और उसकी बस्तियां फूंक दी जाएंगी; तब जिन लोगों ने इस्राएलियों के देश को अपना लिया है, उनके देश को इस्राएली अपना लेंगे, यहोवा का यही वचन है।

3 हे हेशबोन हाय-हाय कर; क्योंकि ये नगर नाश हो गया। हे रब्बा की बेटियो चिल्लाओ! और कमर में टाट बान्धो, छाती पीटती हुई बाड़ों में इधर उधर दौड़ो! क्योंकि मल्काम अपने याजकों और हाकिमों समेत बंधुआई में जाएगा।

4 हे भटकने वाली बेटी! तू अपने देश की तराइयों पर, विशेष कर अपने बहुत ही अपजाऊ तराई पर क्यों फूलती है? तू क्यों यह कह कर अपने रखे हुए धन पर भरोसा रखती है, कि मेरे विरुद्ध कौन चढ़ाई कर सकेगा?

5 प्रभु सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, देख, मैं तेरे चारों ओर के सब रहने वालों की ओर से तेरे मन में भय उपजाने पर हूँ, और तेरे लोग अपने अपने साम्हने की ओर ढकेल दिए जाएंगे; और जब वे मारे मारे फिरेंगे, तब कोई उन्हें इकट्ठा न करेगा।

6 परन्तु उसके बाद मैं अम्मोनियों को बंधुआई से लौटा लाऊंगा; यहोवा की यही वाणी है।

7 एदोम के विषय, सेनाओं का यहोवा यों कहता है, क्या तेमान में अब कुछ बुद्धि नहीं रही? क्या वहां के ज्ञानियों की युक्ति निष्फल हो गई? क्या उनकी बुद्धि जाती रही है?