लैव्यवस्था 7:1-7 HHBD

1 फिर दोषबलि की व्यवस्था यह है। वह परमपवित्र है;

2 जिस स्थान पर होमबलिपशु का वध करते हैं उसी स्थान पर दोषबलिपशु का भी बलि करें, और उसके लोहू को याजक वेदी पर चारों ओर छिड़के।

3 और वह उस में की सब चरबी को चढ़ाए, अर्थात उसकी मोटी पूंछ को, और जिस चरबी से अंतडिय़ां ढपी रहती हैं वह भी,

4 और दोनों गुर्दे और जो चरबी उनके ऊपर और कमर के पास रहती है, और गुर्दों समेत कलेजे के ऊपर की झिल्ली; इन सभों को वह अलग करे;

5 और याजक इन्हें वेदी पर यहोवा के लिये हवन करे; तब वह दोषबलि होगा।

6 याजकों में के सब पुरूष उस में से खा सकते हैं; वह किसी पवित्रस्थान में खाया जाए; क्योंकि वह परमपवित्र है।

7 जैसा पापबलि है वैसा ही दोषबलि भी है, उन दोनों की एक ही व्यवस्था है; जो याजक उन बलियों को चढ़ा के प्रायश्चित्त करे वही उन वस्तुओं को ले ले।