विलापगीत 1:12-18 HHBD

12 हे सब बटोहियो, क्या तुम्हें इस बात की कुछ भी चिन्ता नहीं? दृष्टि कर के देखो, क्या मेरे दु:ख से बढ़ कर कोई और पीड़ा है जो यहोवा ने अपने क्रोध के दिन मुझ पर डाल दी है?

13 उसने ऊपर से मेरी हड्डियों में आग लगाई है, और वे उस से भस्म हो गईं; उसने मेरे पैरों के लिये जाल लगाया, और मुझ को उलटा फेर दिया है; उसने ऐसा किया कि मैं त्यागी हुई सी और रोग से लगातार निर्बल रहती हूँ।

14 उसने जूए की रस्सियों की नाईं मेरे अपराधों को अपने हाथ से कसा है; उसने उन्हें बटकर मेरी गर्दन पर चढ़ाया, और मेरा बल घटा दिया है; जिनका मैं साम्हना भी नहीं कर सकती, उन्हीं के वश में यहोवा ने मुझे कर दिया है।

15 यहोवा ने मेरे सब पराक्रमी पुरुषों को तुच्छ जाना; उसने नियत पर्व का प्रचार कर के लोगों को मेरे विरुद्ध बुलाया कि मेरे जवानों को पीस डालें; यहूदा की कुमारी कन्या को यहोवा ने मानो कोल्हू में पेरा है।

16 इन बातों के कारण मैं रोती हूँ; मेरी आंखों से आंसू की धारा बहती रहती है; क्योंकि जिस शान्तिदाता के कारण मेरा जी हरा भरा हो जाता था, वह मुझ से दूर हो गया; मेरे लड़के-बाले अकेले हो गए, क्योंकि शत्रु प्रबल हुआ है।

17 सिय्योन हाथ फैलाए हुए है, उसे कोई शान्ति नहीं देता; यहोवा ने याकूब के विषय में यह आज्ञा दी है कि उसके चारों ओर के निवासी उसके द्रोही हो जाएं; यरूशलेम उनके बीच अशुद्ध स्त्री के समान हो गई है।

18 यहोवा सच्चाई पर है, क्योंकि मैं ने उसकी आज्ञा का उल्लंघन किया है; हे सब लोगो, सुनो, और मेरी पीड़ा को देखो! मेरे कुमार और कुमारियां बंधुआई में चली गई हैं।