42 हम ने तो अपराध और बलवा किया है, और तू ने क्षमा नहीं किया।
43 तेरा कोप हम पर है, तू हमारे पीछे पड़ा है, तू ने बिना तरस खाए घात किया है।
44 तू ने अपने को मेघ से घेर लिया है कि तुझ तक प्रार्थना न पहुंच सके।
45 तू ने हम को जाति जाति के लोगों के बीच में कूड़ा-कर्कट सा ठहराया है।
46 हमारे सब शत्रुओं ने हम पर अपना अपना मुंह फैलाया है;
47 भय और गड़हा, उजाड़ और विनाश, हम पर आ पड़े हैं;
48 मेरी आंखों से मेरी प्रजा की पुत्री के विनाश के कारण जल की धाराएं बह रही है।